महंगे खाद्य तेल की महंगाई से जनता में बेचैनी है.लिहाजा आम लोगों की बढ़ रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल के आयात से बेसिक कस्टम ड्यूटी को खत्मन करने और कृषि उपकर में कटौती करने का फैसला किया है.
ये छूट बुधवार से लागू होगी और अगले साल मार्च तक रहेगी. सरकार के इस फैसले से त्योलहारी मौसम में खाद्य तेलों की बढ़ी कीमतों से लोगों को राहत मिलेगी. जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले के बाद तेल की कीमतों में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर की कमी हो सकती है.केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने सरकार के इस फैसले से जुड़ी अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि शुल्क में कटौती 14 अक्टूबर से प्रभावी होगी और 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी.
कच्चे पाम तेल पर कृषि अवसंरचना विकास उपकर 7.5 प्रतिशत लगेगा, जबकि कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल के लिए यह दर 5 प्रतिशत के करीब होगी. सरकार की ओर से दी गई राहत के बाद पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की कच्ची किस्मों पर प्रभावी सीमा शुल्क क्रमशः 8.25 प्रतिशत, 5.5 प्रतिशत और 5.5 प्रतिशत होगा.
इसके साथ ही पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल की परिष्कृ त किस्मोंक पर मूल सीमा शुल्कओ को घटाकर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया है. पहले यह 32.5 प्रतिशत था. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने बताया कि आयात शुल्क5 में कटौती करने के बाद सभी तरह के तेल की कीमतों पर असर पड़ेगा.